HINDI POETRY - AN OVERVIEW

Hindi poetry - An Overview

Hindi poetry - An Overview

Blog Article

कैद जहाँ मैं हूँ, की जाए कैद वहीं पर मधुशाला।।८८।

क्या कहता है, रह न गई अब तेरे भाजन में हाला,

सौ सुधारकों का करती है काम अकेले मधुशाला।।५७।

छिप जाती मदिरा की आभा, छिप जाती साकीबाला,

झगा करेगा अविरत मरघट, जगा करेगी मधुशाला।।२२।

हर मधुऋतु में अमराई में जग उठती है मधुशाला।।३४।

'दूर रहेगी मधु की धारा, पास रहेगी मधुशाला!'।९६।

पथिक बना मैं घूम रहा हूँ, सभी जगह मिलती हाला,

आज here सजीव बना लो, प्रेयसी, अपने अधरों का प्याला,

बड़ी पुरानी, बड़ी नशीली नित्य ढला जाती हाला,

लाल सुरा की धार लपट सी कह न इसे देना ज्वाला,

nyc web-site ..........if u have any poem with the strains as satya hai girti jab gaaj kathi bhu dhar ka ur khul jata hai , jab chakra chalta hai mastak shishupalon ka kat jata hai Anonymous

उतर नशा जब उसका जाता, आती है संध्या बाला,

ठुकराया ठाकुरद्वारे ने देख हथेली पर प्याला,

Report this page