HINDI POETRY - AN OVERVIEW

Hindi poetry - An Overview

कैद जहाँ मैं हूँ, की जाए कैद वहीं पर मधुशाला।।८८। क्या कहता है, रह न गई अब तेरे भाजन में हाला, सौ सुधारकों का करती है काम अकेले मधुशाला।

read more